shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

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अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥

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साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर click here मेरे संकटों को हर लो।

लिङ्गाष्टकम्

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अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

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